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शुद्ध घरेलू उत्पाद एवं कुल घरेलू उत्पाद क्या है ? | राष्ट्रीय आय की गणना की प्रमुख विधियाँ लिखिए।

शुद्ध घरेलू एवं कुल घरेलू उत्पाद का बाजार कीमत एवं साधन लागत पर अध्ययन किया जाता है। बाजार कीमत पर कुल घरेलू उत्पादन को ज्ञान करने के लिए एक वर्ष की अवधि में देश की सीमाएं उत्पादित वस्तुएं एवं सेवाओं का प्रचलित कीमत से गुणा कर दिया जाता है तथा इसमें से विदेशों से प्राप्त शुद्ध आय को घटा दिया जाता हैं बाजार कीमत पर कुल घरेलू उत्पाद देश में उत्पादित वस्तुओं का बाजार मूल्य-विदेशों से प्राप्त शुद्ध आय। यदि इसमें से अपत्यक्ष करो की राशि घटाकर तथा अनुदान की राशि को जोड़ दिया जाए तो साधन लागत पर कुल घरेलू उत्पाद ज्ञात कर सकते है GDP (Fc) = GDP (Mp) अप्रत्यक्ष कर अनुदान बाजार कीमत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद ज्ञात करने के लिए कुल घरेलू उत्पाद में से घिसावट व्यय अथवा स्थिर पूँजी के उपभोग मूल्य को घटा दिया जाता है। NDP (Mp) = GDP (Mp) -घिसावट व्यय । साधन लागत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद ज्ञात करने के लिए साधन लागत पर कुल घरेलू उत्पाद में से प्रतिस्थापन व्यय को घटा दिया जाता है। NDP (Fc) = GDP (Fc) – घिसावट व्यय ।

राष्ट्रीय आय की गणना की प्रमुख विधियाँ लिखिए।

राष्ट्रीय आय की गणना की चार विधियों का प्रयोग किया जाता है 1. उत्पादन गणना विधि 2. आय गणना विधि 3. व्यय गणना विधि 4. सामाजिक लेखांकन विधि उत्पादन गणना विधि के अन्तर्गत राष्ट्रीय आय ज्ञात करने के लिए एक वर्ष में जिन वस्तुओं सेवाओं का उत्पादन होता है उनका बाजार मूल्य लगाकर जोड़ लिया जाता है। इस जोड़ को राष्ट्रीय आय लाभ कहते हैं। आय गणना विधि में उत्पत्ति के साधनां को उनकी सेवाओं के बदले में जो प्रतिफल प्राप्त होता है उसका जोड़ लगाकर राष्ट्रीय आय निकाली जाती है। व्यय गणना विधि में एक देश जितना व्यय करता है उन सबका जोड़ लगा लिया जाता है और उसमें बचत तथा निवेश की राशियों को जोड़ दिया जाता हैं इन सभी के योग को राष्ट्रीय आय कहते है। सामाजिक विधि के प्रतिपादक प्रो. रिचर्डस्टोन के अनुसार राष्ट्रीय आय ज्ञात करने के लिए अर्थव्यवस्था को पाँच मागों (अन्तिम उपभोक्ता, उत्पादन संस्थान, वित्तीय संस्थान, बीमा एवं सुरक्षा संस्थान तथा अन्य) में विभाजित किया गया है तथा प्रत्येक में चार प्रकार के खाते (संचालन खाता पूँजी खाता, चालू खाता एवं संचित खाता) रखने होते हैं इन सभी का योग राष्ट्रीय आय होता है।

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