शिक्षा के वैयक्तिक उद्देश्य का वर्णन
शिक्षा के वैयक्तिक उद्देश्य :-शिक्षा का एक उद्देश्य व्यक्ति की अन्तर्निहित शक्ति, योग्यताओं तथा क्षमताओं का विकास करना है। व्यक्ति की वैयक्तिकता के विकास का अति प्राचीन समय से ही दार्शनिक प्रयास करते आए हैं। आधुनिक युग में वैयक्तिकता के विकास का रूसो, फ्रॉबेल, पेस्टालॉजी तथा टी.पी. नन आदि ने जोरदार समर्थन किया है। इन लोगों का मत है, कि शिक्षा का प्रमुख कार्य बालक की प्रकृति प्रदत्त शक्तियों का विकास करना है तथा इन्हीं शक्तियों का विकास ही मानव का सर्वाधिक कल्याण कर सकता है। समाज का निर्माण) व्यक्तियों से मिलकर हुआ है। यदि व्यक्ति उन्नत है तो समाज स्वतः ही उन्नत हो जाएगा। व्यक्ति का विकास अन्य सभी प्रकार के सामाजिक, राष्ट्रीय, आर्थिक, धार्मिक आदि विकास अपने आप ले आता है। इसलिए व्यक्ति का विकास करना ही शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य है। इस सन्दर्भ में टी.पी.नन. लिखते हैं, “शिक्षा को ऐसी दशाएँ बना देनी चाहिए जिनसे वैयक्तिकता का पूर्ण विकास हो सके तथा व्यक्ति समस्त मानव जीवन को अपना मौलिक योगदान दे सके।”
यह मौलिक योगदान तभी हो सकता है जब व्यक्ति इस योगदान के योग्य हो व्यक्ति की योग्यताओं का विकास करने हेतु ही उसकी रुचियों, अभिवृत्तियों, क्षमताओं तथा शक्तियों का विकास करना आवश्यक है। इनके विकास से ही मानवीय विकास का सर्वाधिक कल्याण हो सकता है। टी. पी. नन पुनः लिखते है, “मानव-जीवन में व्यक्तिगत पुरुषों तथा स्त्रियों के प्रयासों से ही सर्वाधिक अच्छाई आ सकती है। अतः इसी तथ्य को ध्यान में रखकर शिक्षा का संगठन करना चाहिए।”
व्यक्तिगत उद्देश्य अत्यन्त ही प्राचीन उद्देश्य है। इस उद्देश्य के परिणामस्वरूप सामाजिक प्रगति हुई है, क्योंकि इस उद्देश्य के समर्थक समाज की बजाय व्यक्तियों को उच्च समझते हैं क्योंकि व्यक्तियों के अभाव में समाज एक कोरी कल्पना है। व्यक्तियों ने अपने हित हेतु ही ही समाज की रचना की है तथा प्रत्येक क्षेत्र चाहे वह संस्कृति हो अथवा विज्ञान, इनमें अपना अपना योगदान दिया है तथा इसी के परिणामस्वरूप ही सामाजिक विकास हुआ है। अतः इस प्रकार शिक्षा के द्वारा ही व्यक्तिगत रुचियों, क्षमताओं तथा विशेषताओं का विकास भी किया गया। अतः शिक्षाशास्त्रियों ने शिक्षा के वैयक्तिक उद्देश्यों का समर्थन किया है।
यदि हम अत्यधिक सूक्ष्मता से देखेंगे तो हमें यह पता चलता है, कि शिक्षा का वैयक्तिक उद्देश्य कोई नया उद्देश्य नहीं है, अपितु यह प्राचीन काल से ही शिक्षा में अपना प्रमुख स्थान बना चुका है। वरन् मध्य काल में इसे अधिक महत्व नहीं दिया गया, लेकिन आज वर्तमान युग में इसे मनोविज्ञान तथा शिक्षा के क्षेत्र में महत्व मिला है। इस उद्देश्य को समझने हेतु सर्वप्रथम वैयक्तिक उद्देश्य के संकुचित तथा व्यापक अर्थ को समझना होगा
वैयक्तिक उद्देश्य का संकुचित अर्थ – संकुचित अर्थों में तो शिक्षा के वैयक्तिक उद्देश्यों को अभिव्यक्ति, बालक का प्राकृतिक विकास तथा बालक की शक्तियों का सर्वांगीण विकास आदि नामों से जाना जाता है। शिक्षा के तथा बालक की शक्तियों का सर्वांगीण विकास आदि नामों से जाना जाता है। शिक्षा के वैयक्तिक उद्देश्य मुख्यतः प्रकृतिवाद के दर्शन पर आधारित हैं। इस उद्देश्य के समर्थकों का मानना यह है कि परिवार, समाज, राज्य तथा
विद्यालयों को बालक की व्यक्तिगत शक्तियों को विकसित करने हेतु ही स्थापित किया गया है। इस दृष्टि से प्रत्येक राज्य तथा सामाजिक संस्था का कर्तव्य है कि वह व्यक्ति के जीवन को ज्यादा से ज्यादा अच्छा, सुखी व सम्पन्न तथा पूर्ण बना सके।
शैक्षिक नवाचार एवं शिक्षा के नूतन आयामों की विवेचना कीजिए।
सर्वप्रथम प्राकृतिक दार्शनिक रूसो ने प्राकृतिक शिक्षा के द्वारा वैयक्तिक उद्देश्यों का प्रचार किया। उन्होंने लिखा कि, “प्रत्येक व्यक्ति एक विशिष्ट स्वभाव को लेकर जन्म लेता है। हम बिना सोचे-समझे भिन्न-2 रुचियों वाले बालकों को एक ही प्रकार के कार्यों में जुटा देते हैं। ऐसी शिक्षा उनकी विशेषताओं को नष्ट करके एक निर्जीव समानता की छाप लगा देती है।” अतः रूसो ने कृत्रिम समाज का खण्डन करते हुए इस बात पर जोर दिया है, कि बालक को प्रकृति के अनुसार ही शिक्षा दी जानी चाहिए।
बालकों को जब उनकी रुचियों तथा स्वभाव के अनुसार शिक्षा दी जाएगी तभी वह कार्यों में रुचि लेंगे।
वैयक्तिक उद्देश्य का व्यापक अर्थ-व्यापक अर्थों में शिक्षा का वैयक्तिक उद्देश्य आत्मानुभूति है। इसके तहत् व्यक्तित्व के विकास के व्यापक अर्थ को लिया जाता है। इसमें यह शारीरिक, मानसिक, सामाजिक तथा संवेगात्मक दृष्टि से भिन्न होता है। यह भिन्नता बालकों की रुचियों, शक्तियों, विचारों तथा कार्य करने की क्षमता में भी होती है। यही नहीं, प्रत्येक बालक की सामान्य बुद्धि, जीवन के आदर्श तथा कार्य करने की गति में भी काफी अन्तर होता है। किसी बालक की बुद्धि तीव्र होती है तो किसी की मंद। इसी प्रकार हम देखते हैं कि कोई बालक किसी कार्य को बहुत जल्दी कर लेता है तथा कुछ बालक ऐसे भी होते हैं, जोकि उन कार्यों को बहुत देर में पूरा करते हैं। अतः हम देखते हैं कि यही वैयक्तिक उद्देश्य है।
- InCar (2023) Hindi Movie Download Free 480p, 720p, 1080p, 4K
- Selfie Full Movie Free Download 480p, 720p, 1080p, 4K
- Bhediya Movie Download FilmyZilla 720p, 480p Watch Free
- Pathan Movie Download [4K, HD, 1080p 480p, 720p]
- Badhaai Do Movie Download Filmyzilla 480p, 720p, 1080, 4K HD, 300 MB Telegram Link
- 7Movierulz 2023 HD Movies Download & Watch Bollywood, Telugu, Hollywood, Kannada Movies Free Watch