व्यापार चक्रों के कारण स्पष्ट कीजिए।Explain the reasons for business cycles

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व्यापार चक्र व्यावसायिक क्रियाओं को अस्त-व्यस्त कर देते हैं, जो कि नियमित रूप से आते रहते हैं। व्यापार चक्र रोजगार की स्थिति को बेकारी की स्थिति में परिवर्तित कर देते हैं। व्यापार चक्र समाज में सम्पन्नता एवं विपन्नता का वातावरण उत्पन्न कर देते हैं जिन्हें पहले से रोका नहीं जा सकता। व्यापार चक्र द्वारा अभिवृद्धि उत्पन्न होकर सम्पन्नता के शिखर पर पहुँच जाती है और फिर टूट कर संकट उत्पन्न करके अवसाद उत्पन्न कर देती है, जो स्वयं तेजी के साथ आकर, कुछ समय रूककर शीघ्र ही समाप्त हो जाता हैं, फिर अभिवृद्धि कर पुनरोद्धार का क्रम प्रारम्भ हो जाता है। यह क्रम निरन्तर चलता रहता है जिसका कोई अन्त नहीं है। व्यापार चक्र के कारणों को निम्न प्रकार से रखा जा सकता हैं।

द्रा स्फीति किसे कहते हैं? मुद्रा स्फीति के नियंत्रण के लिए मौद्रिक एवं राजकोषीय उपयोग की व्याख्या।

  1. पूँजीवादी राष्ट्र
  2. अन्य कारण।

पूँजीवादी राष्ट्र (Capitalist Country)

प्रायः अभिवृद्धि या संकुचन का सम्बन्ध पूंजीवादी राष्ट्रों से लगाया जाता है। पूँजीवाद की वृद्धि के साथ-साथ मुद्रा प्रसार या अवसाद की गहनता बढ़ती जाती है। इस सम्बन्ध में यह भी नहीं कहा जा सकता कि पूँजीवाद में मूल्यों की स्थिरता का अभाव पाया जाता है। वर्तमान समय में अत्यधिक सरकारी हस्तक्षेप एवं समाजवादी आधार पर नियोजन की व्यवस्था करके आर्थिक संकटों को कम किया जा सकता हैं। पूँजीवाद में व्यापार चक्रों को समाप्त करना सम्भव नहीं है। केवल उनकी अभिवृद्धि एवं अवसाद को कम किया जा सकता है।

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