व्यवसायिक निर्देशन के सिद्धान्त के बारे में बताइये ।

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व्यावसायिक निर्देशन के सिद्धान्त

व्यवसाय निर्देशन के भी कुछ सिद्धान्त होते है। इन सिद्धान्तों का अनुसरण करके ही व्यवसायों का चयन करना चाहिए। व्यवसाय चयन के सिद्धान्त के पीछे यह तथ्य रहा है कि व्यावसायिक विकास एक दीर्घकालीन प्रक्रिया है। सन् 1951 में एली जिन्जबर्ग (Eli Ginzberg ) ने व्यावसायिक के सिद्धान्तों के बारे में जो अध्ययन किया उसके अनुसार उसने यह निष्कर्ष निकाला कि ‘व्यवसाय चयन एक प्रक्रिया होती है।’

  1. हाय का व्यावसायिक चयन का सिद्धान्त,
  2. हालैंड की व्यावसायिक चयन के लिए प्रक्रिया,
  3. जिन्वर्ग का सिद्धान्त,
  4. जिन्जबर्ग के व्यवसाय चयन के सिद्धान्त की आलोचना,
  5. सुपर का व्यावसायिक चयन का सिद्धान्त,
  6. व्यावसायिक चयन का हैवीस्ट का सिद्धान्त, तथा
  7. संरचनात्मक सिद्धान्त।

(1) हालैंड का व्यावसायिक चयन का सिद्धान्त (Holland’s Theory of Vocational Choice)- ]

जॉन हालैंड ने सुपर और जिन्जबर्ग के व्यावसायिक चयन के सिद्धान्ना की भी आलोचना करते हुए कहा है कि सुपर और जिन्जवर्ग के चयन सिद्धान्त के आधार पर व्यवसाय के बारे में कोई निर्णय लेना बहुत कठिन है। इस आलोचना के आधार पर हॉलैंड ने सन् 1949 में अपना व्यावसायिक चयन का सिद्धान्त प्रस्तुत किया। इस सिद्धान्त के अनुसार, व्यावसायिक चयन निम्नलिखित कारकों का परिणाम होता है (के

  1. वंशानुक्रम (Heredity)
  2. संस्कृति व सभ्यता (Culture and Civilization)
  3. संगी-साथी अर्थात् मित्र मंडली
  4. अभिभावक माता-पिता (Parents)
  5. प्रौढ़ व्यक्ति (Matured Person)
  6. सामाजिक स्तर (Social Status)
  7. भौतिक वातावरण की पारस्परिक क्रिया (Interaction of Physical Environment) 1 कोई भी व्यक्ति विभिन्न अनुभवों के आधार पर अपने वातावरण के साथ एक विशेष प्रकार का व्यवहार करना सीख लेता है। फिर इन्हीं व्यवहारों के परिणामस्वरूप वह व्यक्ति अपने संतोष के लिए कोई व्यवसाय ढूंढ़ता है। व्यक्ति विभिन्न व्यवसायों को कुछ समूह में है। हालैंड ने इस प्रकार के व्यावसायिक वातावरणों अर्थात् व्यावसायिक समूहों की चर्चा की बॉट लेते हैं। हालैंड ने इन व्यवसायों के समूहों को व्यावसायिक वातावरण के नाम से पुकारा है। हालैंड के अनुसार है व्यावसायिक वातावरण या समूह निम्नलिखित है।

(अ) बौद्धिक वातावरण (Intellectual Environment) –हालैंड ने बौद्धिक वातावरण में चिकित्सा, रसायनशास्त्र, गणित, शरीर शास्त्र आदि विषयों को शामिल किया है।

(य) सौन्दर्यात्मक वातावरण (Aesthetic Environment) –सौन्दर्यात्मक वातावरण में कलाकार, कवि, लेखक, मूर्तिकार, आदि को शामिल किया गया है।

  1. वास्तविक (Realistic)
  2. सामाजिक वातावरण (Social Environment)
  3. परम्परागत वातावरण (Conventional Envirnment)
  4. उद्यमशील (Enterprising)

हालैंड के अनुसार प्रत्येक प्रकार के व्यावसायिक वातावरण के लिए एक निश्चित जीवन शैली (Life Style) की आवश्यकता होती है। व्यवसाय के लिए आवश्यक गुणों के अनुसार यदि जीवन शैली होगी तो व्यक्ति को कार्य संतोष (Job Satisfaction) अवश्य मिलेगा। इससे व्यक्ति को व्यक्तित्व भी सन्तुलित रहेगा।

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(2) हालैंड की व्यावसायिक चयन के लिए प्रक्रिया (Process of Vocational Choice by Holland)-

लैंड ने व्यावसायिक चयन के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया बताई है

  1. मुख्य व्यावसायिक वातावरण का चयन अपनी जीवन शैली के अनुसार करना।
  2. मुख्य व्यावसायिक वातावरण या व्यावसायिक समूह में से किसी एक व्यवसाय का चयन अपनी योग्यताओं के अनुसार करना।
  3. उपरोक्त दोनों प्रक्रियाओं पर व्यक्ति के ज्ञान, व्यावसायिक सूचनाओं मित्रों तथा अन्य परिवार जनों के परामर्श तथा सामाजिक आर्थिक स्थिति आदि का प्रभाव पड़ना तथा इसी ओर ध्यान देना।
  4. व्यक्ति की जीवन शैली के विकास की एक ही दिशा होने पर व्यवसाय चयन शीर्ष होता है। अतः जीवन शैली की एक ही दिशा है जीवन शैली अनिश्चित हो जाने पर व्यवसाय का चयन भी कठिन होगा।
  5. सुगम व्यवसाय चयन के लिये व्यवसाय वातावरण या व्यवसाय समूह का ज्ञान सही हो। अतः इस प्रकार व्यावसयिक चयन के सिद्धान्त के अध्ययन से इस निष्कर्ष पर पहुँचते है कि किसी व्यवसाय को पसन्द करना या पसन्द न करना किसी एक बात पर नहीं बल्कि अनेक तत्वों पर निर्भर करता है। व्यावसायिक चयन के सिद्धान्त पूर्ण रोजगार की स्थिति में ही लागू होते हैं। बेरोजगारी की स्थिति में व्यक्ति को अपनी पसन्द एवं रूचि के व्यवसाय का उपलब्ध व्यवसाय के समक्ष त्याग करना पड़ता है तथा उपलब्ध व्यवसाय को ही स्वीकार करना पड़ता है चाहे वह व्यवसाय व्यक्ति की पसन्द या रूचि का है या नहीं।

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