विश्वविद्यालयों को सम्प्रभुता पर टिप्पणी लिखिए।

विश्वविद्यालयों की सम्प्रभुता

स्वतंत्रता के पश्चात कुछ ऐसी घटनाएं प्रकाश में आई जिससे विश्वविद्यालयों की सम्प्रभुता पर प्रश्न चिन्ह लग गया कि सरकार के द्वारा विश्वविद्यालयों की नीतियों व व्यवस्था में हस्तक्षेप करा जा सकता है, इससे विश्वविद्यालय की सम्प्रभुता तथा कर्मचारियों का स्वाभिमान भी क्षतिग्रस्त होता है। विश्वविद्यालय के उपकुलपति को राज्यपाल, मुख्यमंत्री तथा यहां कि राज्य के मंत्रियों

तक के आदेशों का पालन करना पड़ता है। इस संबंध में 14 जून, 1958 को एक एक्ट पारित हुआ जिसके निर्देशन में एक यूनिवर्सिटी एक्ट की स्थापना हुई जो विश्वविद्यालय को परामर्श देने का कार्य करती है। इस एक्ट ने विश्वविद्यालय की सम्प्रभुता की रक्षा की।

भारतीय जनसंख्या की प्रमुख विशेषताएं क्या है ? भारत की जनसंख्या नीति का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top