लोक-जीवन पद्धति-लोक-जीवन पद्धति अध्ययन का एक विशेष तरीका है। इसके द्वारा यह समझने का प्रयत्न किया जाता है कि विभिन्न लोक अपने चारों ओर से घटनाओं को किस दृष्टि से देखते हैं, उसके बारे में किस तरह से सोचते-विचारते हैं और एक विशेष अर्थ लगाते है। इसके लिए व्यक्तियों द्वारा दिन-प्रतिदिन के जीवन में जिन तरीकों का उपयोग किया जाता है, अध्ययन के उसी तरीके को ‘लोक-जीवन पद्धति’ कहा जाता है। अध्ययन के इस उपागम के लिए ‘एथनोमैथोडोलॉजी’ शब्द का प्रयोग सबसे पहले अमेरिकी विद्वान हैरॉल्ड गारफिंकेल ने किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस लोक-जीवन पद्धति का सम्बन्ध अध्ययन के उस तरीके से है जिसके द्वारा विभिन्न लोग सामान्य ज्ञान पर आधारित अपने स्वयं
गाँव की परिभाषा और गाँव की प्रमुख विशेषताये क्या है?
के विवेक के द्वारा विभिन्न क्रियाओं और व्यवहारों को एक विशेष अर्थ देते हैं। अनेक का यह उपागम क्योंकि लोक-जीवन या एक सांस्कृतिक समूह के रूप में जनसाधारण के जीवन से। सम्बन्धित हैं इसलिए इसे ‘लोक-जीवन पद्धति’ कहा जाता है। इस पद्धति का काम यह जानना है कि किसी विशेष समाज में व्यक्ति तरह-तरह की क्रियाओं और व्यवहारों के दौरान विभिन्न प्रकार के संकेतों द्वारा उन्हें किस तरह का अर्थ प्रदान करते हैं। ऐसे शब्दों या उनसे सम्बन्धित अभिव्यक्ति का अर्थ घटना के अनुसार बदलता रहता है। इसका तात्पर्य है कि एक ही क्रिया अथवा व्यवहार का सन्दर्भ बदलने से उसका अर्थ बदल जाता है। इस पद्धति की मान्यता यह है समाजशास्त्रीय अध्ययनों का काम उन नियमों की खोज करना है जिनके द्वारा हम एक विशेष सामाजिक व्यवस्था में व्यक्तियों के द्वारा किये जाने वाले व्यवहारों का अर्थ समझ सकें। दूसरे शब्दों में, इस पद्धति का काम उस सामान्य ज्ञान की खोज करना है जिसके द्वारा व्यक्ति अपनी दिन-प्रतिदिन की क्रियाओं का एक विशेष अर्थ निकालते हैं। वास्तविकता यह है कि लोक-जीवन पद्धति के द्वारा पहले की तरह यह नहीं माना जाता कि हमारे सभी सामाजिक सम्बन्ध एक विशेष संरचना से बंधे हुए होते हैं। इसके विपरीत गारपिंकेल ने इस पुराने दृष्टिकोण से हटकर इस बात पर जोर दिया कि समाजशास्त्र में व्यक्ति के दैनिक जीवन से सम्बन्धित उन व्यवहारों और मानवीय घटनाओं का अध्ययन करना आवश्यक है जिन्हें कुछ समय पहले तक भावनात्मक समझकर छोड़ दिया जाता था। वर्तमान में एंथनी गिडेन्स ने अपनी पुस्तक ‘द कान्स्टीटयूशन ऑफ सोसाइटी’ (1984) में लोक-जीवन पद्धति को बहुत व्यवस्थित ढंग से प्रस्तुत करने का काम किया। इस प्रकार यह उपागम एक तरह से समाजशास्त्र के वैज्ञानिक उन्मेष को अधिक महत्वपूर्ण न मानकर मानविकी उन्मेष को अधिक महत्व देता है।
- InCar (2023) Hindi Movie Download Free 480p, 720p, 1080p, 4K
- Selfie Full Movie Free Download 480p, 720p, 1080p, 4K
- Bhediya Movie Download FilmyZilla 720p, 480p Watch Free
- Pathan Movie Download [4K, HD, 1080p 480p, 720p]
- Badhaai Do Movie Download Filmyzilla 480p, 720p, 1080, 4K HD, 300 MB Telegram Link
- 7Movierulz 2023 HD Movies Download & Watch Bollywood, Telugu, Hollywood, Kannada Movies Free Watch
- नारी और फैशन पर संक्षिप्त निबन्ध लिखिए।
- बेबीलोन के प्रारम्भिक समाज को समझाइये |