भारत में सामाजिक उद्विकास के कारक।Factors of social development in India.

0
17

भारत में सामाजिक परिवर्तन की एक प्रमुख स्वरूप के रूप में समाजिक उद्विकास का अध्ययन किया जाता है। उद्विकास विकास की यह प्रक्रिया है जिसके अनुसार किसी वस्तु के आन्तरिक तत्व अपने आप प्रकट होकर उस वस्तु का रूप बदल लेते हैं। इस प्रकार उद्विकास वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा सरल वस्तु जटिलता की ओर जाती है और धीरे-धीरे उसका स्वरूप बदल जाता है।

इसे भी पढ़ें👉 गरीबी क्या है? गरीबी के कारण What is poverty? Reasons of poverty

(1) दीर्घ प्रक्रिया (long process)

उद्विकास निरन्तर होने वाली एक प्रक्रिया है जो सभी युगों तक – समाजों में पायी जाती है। दूसरे शब्दों में, समाज का उद्विकास एक लम्बे समय से होता है। यह धीरे-धीरे होता है और असंख्य वर्षों में जाकर समाज ने इस वर्तमान स्वरूप को प्राप्त किया है। आज भी उद्विकास की प्रक्रिया निरन्तर क्रियाशील है।

इसे भी पढ़ें👉 निरपेक्ष आय परिकल्पना Absolute Income Hypothesis

(2) अनिश्चितता (Uncertainty)

जिस प्रकार उद्विकास की प्रक्रिया में यह कहना अनिश्चितता है कि – विकसित वस्तु का स्वरूप क्या होगा? उसी प्रकार समाज की प्रारम्भिक अवस्था में भी अनिश्चितता थी। उस समय न कोई संगठन था न कोई समिति थी। सब कुछ अनिश्चितता ही था। साथ ही जटिलता के जिस स्वरूप की ओर हम बढ़ रहे वह क्या होगा? इसके बारे में अनिश्चितता की स्थिति पायी जाती है।

(3) विभिन्न अंगों की स्पष्टता (Clarity of different parts)

उद्विकास की प्रक्रिया में सरलता से जटिलता की – ओर जाने की बात मुख्य रूप से पाई जाती है। इस प्रक्रिया में समग्र के भिन्न-भिन्न अंग भिन्न रूप से दिखाई देने लगते हैं। इसी प्रकार समाज ज्यों-ज्यों उद्विकास की प्रक्रिया में आगे बढ़ता है त्यों-त्यों उसके विभिन्न अंग जैसे समिति, संस्था द्वारा अन्य संगठन स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगते हैं।

इसे भी पढ़ें👉 व्यापार चक्रों के कारण स्पष्ट कीजिए।Explain the reasons for business cycles

(4) समरूपता में सरलता (Simplicity in Symmetry)

जिस प्रकार उद्विकास की प्रक्रिया प्राणी या वस्तु के आरम्भ से सरल होती है और उसमें समरूपता पाई जाती है तथा उसके आन्तरिक गुण समग्र में निहित होते हैं। इसी प्रकार समाज का भी प्रारम्भिक रूप सरल था। सभी व्यक्तियों में समरूपता थी। उनमें रहन-सहन, खान-पान भ्रमण करने के तरीके समान थे।

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here