भारत में अनेकता में एकता’ विषय पर निबन्ध लिखिए।

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भारत में अनेकता में एकता – भारतीय समाज में अनेकता में एकता व्याप्त है जो इसकी सबसे बड़ी विशेषता है। भारत को यही विशेषता ने इसे प्राचीनकाल से आज तक जीवित रखे हुए है। भारत में प्रजाति धर्म, संस्कृति एवं भाषा की दृष्टि से अनेक विभिन्नताएँ पायी जाती है, फिर भी सम्पूर्ण राष्ट्र में एकता पायी जाती है। इस सन्दर्भ में सर हरबर्ट रिजले ने उचित ही लिखा है, “भारत में धर्म, रीति-रिवाज और भाषा तथा सामाजिक एवं भौतिक विभिन्नताओं के होते हुए भी जीवन को एक विशेष एकरूपता कन्याकुमारी से लेकर हिमालय तक देखी जा सकती है। वास्तव में भारत का एक अलग चरित्र एवं व्यक्तित्व है जिसकी अवहेलना नहीं की जा सकती। “सी० ई० एम० जोड भारतीय परम्परा की एकता के बारे में लिखते हैं, “जो भी कारण हो, विचारों तथा जातियों के अनेक तत्वों के समन्वय, अनेकता में एकता उत्पन्न करने की भारतीयों की योग्यता एवं तत्परता ही मानव जाति के लिए भारत की विशिष्ट देन रही है।” पंडित नेहरू ने एक बार कहा था, “भारत का सिंहावलोकन करने वाले, भारत की अनेकता और विभिन्नता से बहुत अधिक प्रभावित हो जाते हैं। वे भारत की एकता को साधारणतः नहीं देख पाते, यद्यपि युगों-युगों से भारत की मौलिक एकता ही उसका महान एवं मौलिक तत्व रहा है।” इन कथनों से स्पष्ट है कि भारत मैं विभिन्नता में एकता प्राचीनकाल से विद्यमान रही है।

सामाजिक वर्ग विभाजन के आधारों पर प्रकाश डालिए।

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