नगरीय जीवन की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित है
- सांस्कृतिक आविष्कार- नगर सांस्कृतिक आविष्कार के भी जनक होते हैं और वहाँ से कई नए सांस्कृतिक परिवर्तन ग्रामों की ओर जाते हैं। नगरों में विभिन्न संस्कृतियों के सम्पर्क एवं पर संस्कृति ग्रहण की प्रक्रिया के कारण संस्कृति में परिवर्द्धन, परिष्कार एवं परिवर्तन होते रहते हैं।
- सुदृढ़ प्रशासन नगरीय जीवन की जटिलता एवं समस्याओं के समाधान के लिए वहाँ सुदृढ़ प्रशासन की आवश्यकता महसूस होती है। सुरक्षा, न्याय, पुलिस, पानी, बिजली, शिक्षा, व्यापार, स्वास्थ्य, यातायात, संचार, सफाई एवं सार्वजनिक कल्याण की देख-रेख आदि के लिए सुदृढ़ प्रशासन का होना आवश्यक है।
- आविष्कार एवं तकनीकी- नगरों में विकसित तकनीकी शिक्षा एवं प्रशिक्षण पाया जाता है, फलस्वरूप वहाँ नित्य नए आविष्कार जन्म लेते हैं। अनेक प्रकार की समस्याओं का नगर के लोगों को सामना करना पड़ता है जिन्हें हल करने के लिए नए-नए आविष्कार एवं प्रविधियों की खोज करते रहते हैं। Economy)
- मुदा अर्थव्यवस्था- आधुनिक नगरों में मुद्रा अर्थव्यवस्था (Money पायी जाती है। इसके फलस्वरूप व्यापार का कार्य सुविधा से होता है। विनिमय के लिए सामान को लादकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर नहीं ले जाना पड़ता। इसके कारण धन का संचय भी होने लगा जो व्यक्ति की शक्ति का परिचायक बन गया।
- घनी जनसंख्या- नगरों की जनसंख्या शिक्षा, वाणिज्य, व्यापार और होने के कारण घनी होती है।
प्रशिक्षण क्या है? प्रशिक्षण तथा शिक्षा में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
नगरीय समुदाय की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित है
विभिन्न विद्वानों ने नगर अथवा नगरीय समुदाय एवं जीवन की विशेषताओं का उल्लेख किया है किंग्सले डेविस ने नगर की सामाजिक संरचना की अग्रलिखित विशेषताएँ बतायी है
1.सामाजिक भिन्नता ।
- द्वतीयक संघ ।
- सामाजिक सहिष्णुता ।
- द्वैतीयक नियन्त्रण।
- सामाजिक गतिशीलता।
- ऐच्छिक संघ।
- व्यक्तिवादिता
- स्थानीय अलगाव ।
रोनाल्ड फ्रीडमैन ने नगरीय समुदाय की अग्रलिखित विशेषताएँ इस प्रकार बतायी है
- समूहों एवं व्यक्तियों के बीच कार्यात्मक अन्योन्याश्रितता ।
- अधिक जनसंख्या एवं अधिक जनघनत्व ।
- विभिन्नताएँ।
- परिवारों के कार्यों में कमी।
- सदस्यों में अनजानापन ।
- सन्देशवाहन के साधनों की बहुलता
- प्राथमिक सम्बन्धों का अभाव।
- श्रम विभाजन एवं विशेषीकरण।
- नगरीय संस्कृति की परिवर्तनशील प्रकृति।