चरित्र निर्माण के उद्देश्य से आप क्या समझते हैं?

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चरित्र निर्माण के उद्देश्य – विभिन्न शिक्षा शास्त्रियों के अनुसार शिक्षा का उद्देश्य बालक में सच्चरित्रता का विकास होना चाहिए। चरित्र के कारण ही मनुष्य पशु से ऊंचा समझा जाता है। प्राचीन तथा अर्वाचीन सभी कालों में चरित्र की यह महत्ता अक्षुण्य रही है इसीलिए शिक्षा के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए एक स्थान पर डाक्टर राधाकृष्णन ने लिखा है- “शिक्षा के उद्देश्य न तो राष्ट्रीय आत्ममिव्यक्ति है और न सांसारिक एकता बल्कि उसका उद्देश्य व्यक्ति को यह अनुभव कराना है कि उसमें स्वयं से बढ़कर भी कुछ है जिसको आत्मा कहा जा सकता है।”

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