कौशल अधिग्रहण से आप क्या समझते है ?महत्व पर प्रकाश डालिए।

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शिक्षा का कौशल अधिग्रहण का कार्य

कौशल का अधिग्रहण, शिक्षा का एक प्रमुख कार्य है। कौशल का अधिग्रहण कहा जाए तो यह एक प्रकार का शिक्षण है जिसमें किसी विशेष कार्य को करने के लिए किसी व्यक्ति की क्षमता में परिवर्तन के परिणामस्वरूप पुनरावृत्ति होती है। इसे इस तरह से भी कह सकते हैं कि किसी भी व्यवहार को सीखने की आवश्यकता होती है। शिक्षा मनोविज्ञान के अन्तर्गत ‘सीखना’ एक अति महत्वपूर्ण विषय है, अतः मनोवैज्ञानिकों ने सीखने को वैज्ञानिक ढंग से परिभाषित करने का प्रयास किया है। इसीलिए सामान्यतः सीखने का आशय है ‘व्यवहार में परिवर्तन’, जो कि अभ्यास से बेहतर होता है। उसे एक कौशल माना जाता है। अधिगम या सीखना एक कौशल है .कुछ लोग जल्दी सीखते हैं और कुछ देर में सोखते हैं। सीखने का विषय शीघ्र अधिग्रमित कर लेते है यही कुशलता है। इन कौशलों में नवीन क्रिया, आदत, अनुभवों का उपयोग, ज्ञान तथा स्थानानतरण, स्मृति तथा अनुकूलन यह सभी देखें तो अधिगम कौशल ही है।

शैक्षिक दृष्टि से निर्देशन की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए ।

कौशलों का अधिग्रहण का महत्व

  1. व्यक्ति के कौशल एवं ज्ञान के अधिग्रहण पर बहुत बल दिया जाता है। शिक्षा का उद्देश्य एवं कार्य छात्रों को ज्ञान एवं कौशल देना है। एवं बच्चों को जीवन में बुद्धिमानी से इस कौशल का उपयोग करना सिखाना है।
  2. ज्ञान सीखने का कौशल मनुष्य को अपने व्यक्तित्व का विकास करने में सक्षम बनाता है। यह सभ्यता की प्रगति का प्रमुख साधन है।
  3. जीवन में कौशल का अधिग्रहण मानव को खुश करता है एवं दिन-प्रतिदिन की समस्याओं को हल कर सकता है।
  4. वर्तमान स्थिति में कौशल का अधिग्रहण अधिक महत्वपूर्ण है, इससे वैज्ञानिक, तकनीकी, औद्योगिक, आर्थिक एवं राजनीतिक उन्नति होती है। ज्ञान व कौशल का अधिग्रहण वास्तविक ज्ञानहै जिसके द्वारा व्यक्ति जीवन के मूल्यों, जीवन स्तर, समायोजन आदि को सीखता है।
  5. शिक्षा विभिन्न बुनियादी कौशल जैसे पढ़ना, लिखना एवं गणना करना भी विकसित करती है, जो बदले में ज्ञान प्राप्त करने में सहायता करती है। कौशल शिक्षा के बहुत महत्वपूर्ण परिणाम हैं।

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