कस्बा का अर्थ और परिभाषा प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?

कस्बा का अर्थ-

कस्बा का अर्थ कस्बों की जनसंख्या नगरों से कम होती है तथा इनका आकार भी नगरों से छोटा होता है किन्तु इनमें बहुत सी नगरीय सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं। इनमें नगर पालिका या नगर निगम जैसी प्रशासनिक व्यवस्था नहीं होती है। सामान्यतः जनसंख्या के आधार पर गांव, कस्बा व नगर में भेद किया जाता है। कस्बे की जनसंख्या गांव से अधिक व नगर से कम होती है।

परिभाषा

स्विथोफेन के अनुसार- “कस्बा एक संगठित समूह है। साधारणतया जिसमें मुख्य व्यवसाय कृषि के विपरीत वाणिज्य और उद्योग से सम्बन्धित कार्य होते हैं। यदि नगर और कस्बे में आकार की दृष्टि से अंतर किया जाए तो जहां के निवासियों की संख्या पांच हजार से पचास हजार तक होती है, और नगर जैसी सुविधाएं उपलब्ध होती है उन्हें कस्बे की श्रेणी में रखा जाता है।”

कस्बा की प्रमुख विशेषताएँ

कस्बा की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

समाजशास्त्र को परिभाषित कीजिये।

  1. वे सभी स्थान कस्बे कहे जाएँगे जिनमें नगरपालिका, नगर निगम, छावनी, नोटीफाइड नगर व इसके समकक्ष की कोई इकाई हो।
  2. जहाँ की न्यूनतम जनसंख्या 5,000 हो ।
  3. जहाँ पुरुषों को कार्यशील जनसंख्या का कम से कम 75 प्रतिशत भाग कृषि के अतिरिक्त कार्यो
  4. संलग्न हो।जहाँ पर जनसंख्या का घनत्व कम से कम 400 व्यक्ति प्रति किलोमीटर (या 1,000 व्यक्ति प्रति वर्ग मील) हो ।
  5. अन्य कोई स्थान जो उपर्युक्त विशेषताओं में सीमावर्ती हो प्रान्तीय जनगणना अधिकारी के अनुसार स्पष्ट नगरीय सुविधाएँ एवं विशेषताएँ रखता हो।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top